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रमाजनुल मुबारक के दूसरे जुमे की नमाज रुड़की, कलियर, मंगलौर सहित आसपास के क्षेत्रों की मस्जिदों में अदा की गई। जुमे की नमाज अदा करने से पहले उलेमाओं ने अपनी तकरीर में रमजान की फजीलतों के बारे लोगों को जानकारी दी और कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने और मस्जिदों में मास्क लगाकर आने की अपील की। रमजानुल मुबारक के दूसरे जुमे की नमाज बड़ी शिद्दत के साथ मस्जिदों में अदा की गई। जुमे की नमाज के बाद लोगों ने देश में अमनो अमान और कोरोना महामारी से निजात की दुआ मांगी। उलेमाओं ने अपनी-अपनी तकरीर में कहा कि रमजानुल माह का पहला अशरा रहमत का खत्म हो गया। दूसरे दस दिन मगफिरत का अशरा शुरू हो गया है। इसके बाद तीसरा अशरा जहन्नुम से निजात का शुरू होगा। मौलवी आकिल, हाफिज दिलशाद, हाफिज सऊद साबरी आदि ने कहा कि रोजा ऐसी इबादत है कि अल्लाह खुद इसका बदला देता है। रोजे का असल मकसद सिर्फ खाने या पीने को छोड़ना नहीं है, बल्कि हर बुरे काम को छोड़ना और अच्छे काम की आदत डालना है। उलेमाओं ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड गाइडलाइन का पालन करने की अपील की।
देश के लिए अमन चैन की दुआएं मांगी
मंगलौर। रमजान के दूसरे जुमे की नमाज मंगलौर क्षेत्र में अकीदत के साथ अदा की गई। इस दौरान रोजेदारों ने नमाज के बाद देश के लिए अमन चैन की दुआएं भी मांगी। शुक्रवार को मंगलौर कस्बे व आसपास के ग्राम बिझौली, अकबरपुर, टांडा भनेड़ा, घोसीपुरा, भगवानपुर चंदनपुर, लंढौरा, गाधारोणा, जैनपुर झंझेड़ी व लिब्बरहेड़ी आदि गांवों में रोजेदारों ने अपनी अपनी मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज अदा की। मुफ्ती एवं शहर काजी मासूम कासमी ने कहा कि इस समय देश के हालात ठीक नहीं है, इसलिए मुस्लिम समाज के लोगों को चाहिए कि करोना जैसी महामारी से बचने के लिए नियमों का पालन करें।
रमाजनुल मुबारक के दूसरे जुमे की नमाज रुड़की, कलियर, मंगलौर सहित आसपास के क्षेत्रों की मस्जिदों में अदा की गई। जुमे की नमाज अदा करने से पहले उलेमाओं ने अपनी तकरीर में रमजान की फजीलतों के बारे लोगों को जानकारी दी और कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने और मस्जिदों में मास्क लगाकर आने की अपील की। रमजानुल मुबारक के दूसरे जुमे की नमाज बड़ी शिद्दत के साथ मस्जिदों में अदा की गई। जुमे की नमाज के बाद लोगों ने देश में अमनो अमान और कोरोना महामारी से निजात की दुआ मांगी। उलेमाओं ने अपनी-अपनी तकरीर में कहा कि रमजानुल माह का पहला अशरा रहमत का खत्म हो गया। दूसरे दस दिन मगफिरत का अशरा शुरू हो गया है। इसके बाद तीसरा अशरा जहन्नुम से निजात का शुरू होगा। मौलवी आकिल, हाफिज दिलशाद, हाफिज सऊद साबरी आदि ने कहा कि रोजा ऐसी इबादत है कि अल्लाह खुद इसका बदला देता है। रोजे का असल मकसद सिर्फ खाने या पीने को छोड़ना नहीं है, बल्कि हर बुरे काम को छोड़ना और अच्छे काम की आदत डालना है। उलेमाओं ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड गाइडलाइन का पालन करने की अपील की।
देश के लिए अमन चैन की दुआएं मांगी
मंगलौर। रमजान के दूसरे जुमे की नमाज मंगलौर क्षेत्र में अकीदत के साथ अदा की गई। इस दौरान रोजेदारों ने नमाज के बाद देश के लिए अमन चैन की दुआएं भी मांगी। शुक्रवार को मंगलौर कस्बे व आसपास के ग्राम बिझौली, अकबरपुर, टांडा भनेड़ा, घोसीपुरा, भगवानपुर चंदनपुर, लंढौरा, गाधारोणा, जैनपुर झंझेड़ी व लिब्बरहेड़ी आदि गांवों में रोजेदारों ने अपनी अपनी मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज अदा की। मुफ्ती एवं शहर काजी मासूम कासमी ने कहा कि इस समय देश के हालात ठीक नहीं है, इसलिए मुस्लिम समाज के लोगों को चाहिए कि करोना जैसी महामारी से बचने के लिए नियमों का पालन करें।