इस बार बंपर होगी आम और लीची की फसल

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इस बार जिले में आम और लीची की बंपर पैदावार की उम्मीद जगी है। आम और लीची के बाग फलों से लदे देखकर बागवानों के दिल बाग-बाग हो रहे हैं। अधिकारी कुछ समय पहले आई आंधी के चलते बागों में एक फीसदी ही नुकसान मान रहे हैं। वहीं, आने वाले दिनों में आम किसी बीमारी की चपेेट में भी नहीं आएगा।
हरिद्वार जिले में इस समय नौ हजार जबकि रुड़की क्षेत्र में 625 हेक्टेयर जमीन पर आम के बाग हैं। इसमें करीब 200 हेक्टेयर नए बाग हैं, जिसमें फल नहीं है। जबकि शेष बाग फलों से लदे हैं। इसी तरह लीची के भी जिले में 3500 हेक्टेयर और रुड़की क्षेत्र में करीब 200 हेक्टेयर जमीन पर बाग हैं। लीची के बागों में भी इस बार जबरदस्त फल लगे हैं। दोनों फलों के बागों को देखकर अधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि इस बार आम और लीची की बंपर फसल होगी। वहीं, फल से लकदक बाग देखकर बागवानों के चेहरे भी खिले हुए हैं। रुड़की के उद्यान अधिकारी राजेश प्रसाद जसोला का कहना है कि इस बार बागों में शानदार फल लगे हैं। पिछले साल आम के बागों में औसतन फल आया था। बाद में मौसम और बीमारी के चलते ज्यादातर फसल खराब हो गई थी। इससे बागवानों को नुकसान हुआ था। लीची का भी पिछले साल औसतन कारोबार हुआ था। इस बार आम और लीची की बंपर फसल होने की उम्मीद है। इस बार अभी तक आंधी और बीमारी के चलते एक प्रतिशत ही नुकसान हुआ है। जबकि आने वाले दिनों में अब आम के बाग में कोई बीमारी भी नहीं लगेगी। जहां तक आशंका है मात्र आंधी से कुछ नुकसान जरूर हो सकता है।

20 दिन में बाजार में पहुंच जाएगी लीची
उद्यान अधिकारी आरपी जसोला ने बताया कि अभी लीची का फल पकने की कगार पर है। लीची को पकने के लिए जिस तरह के मौसम की जरूरत होती है, जिले में वैसा ही मौसम चल रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि बाजार में अगले 20 दिनों में लीची का फल आने लगेगा। वहीं, आम के फल को बाजार में आने में अभी थोड़ा समय और लगेगा।

इस बार जिले में आम और लीची की बंपर पैदावार की उम्मीद जगी है। आम और लीची के बाग फलों से लदे देखकर बागवानों के दिल बाग-बाग हो रहे हैं। अधिकारी कुछ समय पहले आई आंधी के चलते बागों में एक फीसदी ही नुकसान मान रहे हैं। वहीं, आने वाले दिनों में आम किसी बीमारी की चपेेट में भी नहीं आएगा।

हरिद्वार जिले में इस समय नौ हजार जबकि रुड़की क्षेत्र में 625 हेक्टेयर जमीन पर आम के बाग हैं। इसमें करीब 200 हेक्टेयर नए बाग हैं, जिसमें फल नहीं है। जबकि शेष बाग फलों से लदे हैं। इसी तरह लीची के भी जिले में 3500 हेक्टेयर और रुड़की क्षेत्र में करीब 200 हेक्टेयर जमीन पर बाग हैं। लीची के बागों में भी इस बार जबरदस्त फल लगे हैं। दोनों फलों के बागों को देखकर अधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि इस बार आम और लीची की बंपर फसल होगी। वहीं, फल से लकदक बाग देखकर बागवानों के चेहरे भी खिले हुए हैं। रुड़की के उद्यान अधिकारी राजेश प्रसाद जसोला का कहना है कि इस बार बागों में शानदार फल लगे हैं। पिछले साल आम के बागों में औसतन फल आया था। बाद में मौसम और बीमारी के चलते ज्यादातर फसल खराब हो गई थी। इससे बागवानों को नुकसान हुआ था। लीची का भी पिछले साल औसतन कारोबार हुआ था। इस बार आम और लीची की बंपर फसल होने की उम्मीद है। इस बार अभी तक आंधी और बीमारी के चलते एक प्रतिशत ही नुकसान हुआ है। जबकि आने वाले दिनों में अब आम के बाग में कोई बीमारी भी नहीं लगेगी। जहां तक आशंका है मात्र आंधी से कुछ नुकसान जरूर हो सकता है।



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उद्यान अधिकारी आरपी जसोला ने बताया कि अभी लीची का फल पकने की कगार पर है। लीची को पकने के लिए जिस तरह के मौसम की जरूरत होती है, जिले में वैसा ही मौसम चल रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि बाजार में अगले 20 दिनों में लीची का फल आने लगेगा। वहीं, आम के फल को बाजार में आने में अभी थोड़ा समय और लगेगा।



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