सिविल अस्पताल के सफाई कर्मचारी हैं असली नायक

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निजी आयोजन पर बंदिश नहीं है। देशभर में 16 मार्च से आचार संहिता लागू है। उत्तराखंड में प्रथम चरण...


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सिविल अस्पताल में 20 सफाई कर्मचारी कोरोना काल में भी नियमित अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। सही मायने में सफाई कर्मचारी ही पर्दे के पीछे के असली हीरो हैं। जब किसी का भी कोविड मरीजों के पास जाना सख्त मना है, उस दौर में ये सफाई कर्मचारी उनके पास जा भी रहे हैं और उनके शौचालय से लेकर बिस्तर आदि के पास सफाई कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए सफाई व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी है, इसलिए वे बिना डरे इस काम को कर रहे हैं।
इस समय कोरोना महामारी जानलेवा हो रही है। आए दिन जिले में पांच से 15 संक्रमितों की मौत हो रही है। सिविल अस्पताल में ही दो से तीन लोगों की मौत हो रही है। यहां बनाए गए कोविड केयर सेंटर में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। हालत ऐसे हैं कि अपने भी कोरोना संक्रमितों के पास जाने से बच रहे हैं। ऐसी स्थिति में सिविल अस्पताल में आउटसोर्स से भर्ती दो सुपरवाइजर और 20 सफाई कर्मचारी बिना किसी डर के अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। ये सफाई कर्मचारी पूरे अस्पताल की सफाई के साथ ही कोविड केयर सेंटर की भी नियमित सफाई करते हैं। यहां तक कि मृतक कोरोना संक्रमितों का शव उठाकर वाहनों तक ले जाने का काम इन्हीं का है। सुपरवाइजर सुरेश कुमार कहते हैं कि जब से कोविड केयर सेंटर बनाया गया है, उनकी टीम लगातार बिना डरे काम कर रही है। वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि कोई भी सफाई कर्मचारी बिना पीपीई किट पहने रूम में दाखिल न हो। पीपीई किट पहनने के बाद वे कोरोना संक्रमितों के बिस्तरों की सफाई के साथ ही शौचालयों की भी सफाई करते हैं। सभी कर्मचारियों की चार-चार घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। यहां से निकलकर कर्मियों के नहाने आदि की व्यवस्था भी की गई है। सफाई कर्मचारियों में सुपरवाइजर करण गोस्वामी, बरी, नरेंद्र, सोनू, अरुण, सिलो, बोबी, मयंक, सापरा आदि शामिल हैं।

अब तक नहीं हुआ कोई भी संक्रमित
सिविल अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर में डॉक्टरों सहित करीब 15 से ज्यादा स्टाफ काम करते हुए संक्रमित हो चुका है। वहीं, यहां काम कर रहे 20 सफाई कर्मचारियों में से एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ है। सुपरवाइजर सुरेश कुमार का कहना है कि हाल ही में सभी कर्मचारियों का कोविड टेस्ट करवाया गया था। उस दौरान पूरा स्टाफ नेगेटिव आया था। इसके अलावा अभी तक किसी भी कर्मचारी की तबीयत खराब होने की शिकायत नहीं आई है।

सिविल अस्पताल में 20 सफाई कर्मचारी कोरोना काल में भी नियमित अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। सही मायने में सफाई कर्मचारी ही पर्दे के पीछे के असली हीरो हैं। जब किसी का भी कोविड मरीजों के पास जाना सख्त मना है, उस दौर में ये सफाई कर्मचारी उनके पास जा भी रहे हैं और उनके शौचालय से लेकर बिस्तर आदि के पास सफाई कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए सफाई व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी है, इसलिए वे बिना डरे इस काम को कर रहे हैं।

इस समय कोरोना महामारी जानलेवा हो रही है। आए दिन जिले में पांच से 15 संक्रमितों की मौत हो रही है। सिविल अस्पताल में ही दो से तीन लोगों की मौत हो रही है। यहां बनाए गए कोविड केयर सेंटर में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। हालत ऐसे हैं कि अपने भी कोरोना संक्रमितों के पास जाने से बच रहे हैं। ऐसी स्थिति में सिविल अस्पताल में आउटसोर्स से भर्ती दो सुपरवाइजर और 20 सफाई कर्मचारी बिना किसी डर के अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। ये सफाई कर्मचारी पूरे अस्पताल की सफाई के साथ ही कोविड केयर सेंटर की भी नियमित सफाई करते हैं। यहां तक कि मृतक कोरोना संक्रमितों का शव उठाकर वाहनों तक ले जाने का काम इन्हीं का है। सुपरवाइजर सुरेश कुमार कहते हैं कि जब से कोविड केयर सेंटर बनाया गया है, उनकी टीम लगातार बिना डरे काम कर रही है। वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि कोई भी सफाई कर्मचारी बिना पीपीई किट पहने रूम में दाखिल न हो। पीपीई किट पहनने के बाद वे कोरोना संक्रमितों के बिस्तरों की सफाई के साथ ही शौचालयों की भी सफाई करते हैं। सभी कर्मचारियों की चार-चार घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। यहां से निकलकर कर्मियों के नहाने आदि की व्यवस्था भी की गई है। सफाई कर्मचारियों में सुपरवाइजर करण गोस्वामी, बरी, नरेंद्र, सोनू, अरुण, सिलो, बोबी, मयंक, सापरा आदि शामिल हैं।



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