तनुज पाण्डे/ नैनीताल. देश में इन दिनों लोकसभा चुनावों की सरगर्मी तेज है. 3 चरणों में मतदान हो भी गए हैं. चौथे चरण में 13 मई को 96 संसदीय सीटों पर मतदान होगा. गौरतलब है कि 16 मार्च को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए कार्यक्रमों की घोषणा की थी. 19 अप्रैल से 1 जून के बीच देश में 7 चरणों में चुनाव होने हैं. देश के चुनावी इतिहास का यह दूसरा सबसे लंबा चुनाव है. 19 अप्रैल से शुरू हो रही मतदान की प्रक्रिया 1 जून तक चलेगी. इस तरह से मतदान कराने में कुल 44 दिन का समय लगेगा.
यूं तो देश के लिए लोकसभा चुनाव अहम हैं, लेकिन उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल में अप्रैल-जून के पीक पर्यटन सीजन में चुनाव से पर्यटन कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गईं है. वर्तमान तक इस पीक सीजन के लिए मात्र 20 से 25 फीसदी तक अग्रिम बुकिंग हुई है, जबकि बीते वर्षों तक यह आंकड़ा 70 से 80 फीसदी तक पहुंच जाता था. ऐसे में पर्यटन कारोबारी चिंतित हैं.
चुनाव से होटल कारोबारी परेशान
नैनीताल में 15 मई से जून अंतिम तक पीक सीजन होता है. ऐसे में यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैलानी पहुंचते हैं. बीते वर्षों तक नैनीताल में होटलों की अग्रिम बुकिंग शुरू हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष इसकी संख्या काफी कम हुई है. इसका कारण दूसरे राज्यों में अलग-अगल चरणों में चुनाव माना जा रहा है. होटल कारोबारियों को आशंका है कि कहीं इस बार मई-जून का पर्यटक सीजन फीका न पड़ जाए.
होटलों की बुकिंग हो रही कैंसिल
होटल एसोसिएशन के महासचिव वेद शाह ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि 15 अप्रैल से लेकर मई के महीने में सरोवर नगरी गुजरात और महाराष्ट्र के पर्यटकों से गुलजार रहती थी. लेकिन अभी गुजरात में एक फेज के चुनाव हो चुके हैं तो वहीं महाराष्ट्र में 5 फेज में चुनाव होने हैं. वहां पर अभी 2 फेज के चुनाव बाकी हैं. यही वजह है की इस समय गुजरात और महाराष्ट्र के पर्यटक नैनीताल का रुख नहीं कर रहे हैं. जिस वजह से होटल्स वीकेंड में भी पैक नहीं हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीते दिनों जंगलों की आग ने भी पर्यटन को प्रभावित किया है. जिस वजह से कई बुकिंग कैंसिल हुई है.
FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 15:09 IST