भारत और पाकिस्तान के बीच का बटवारा किसे याद नहीं है. जिसने वो मंजर देखा था, उसके दिल में आज भी बुरी यादें उसी तरह बैठी हुई है. बाकी लोगों ने अपने दादा-दादी और बुजर्गों से उस दौर की कहानियां सुनी होगी. भारत और पाकिस्तान भले ही पड़ोसी मुल्क हैं, दोनों कभी एक-दूसरे का हिस्सा थे लेकिन आज इन दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी खट्टे हो चुके हैं. राजनितिक खटास ने लोगों के दिल में जगह बनाकर मधुर रिश्तों को खराब कर दिया है.
पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं की जिंदगी आज भी मुश्किल बनी हुई है. मंदिरों में पूजा करना उतना आसान नहीं होता, जितना भारत में रह रहे मुस्लिमों का नमाज पढ़ना. ऐसे में कई हिन्दू आज भी मौत के बाद अपना अंतिम संस्कार भारत में करवाने की इच्छा रखते हैं. कुछ की इच्छा पूरी हो जाती है तो कुछ को मोक्ष नहीं मिल पाता. पाकिस्तान में रहने वाले अनिल कुमार के पिता की भी आखिरी इच्छा यही थी कि उनकी अस्थियां भारत में बहाई जाए. अपने पिता की इस विश को पूरा करने के लिए उनके बेटे ने पकिस्तान से भारत का सफर तय किया.
हरिद्वार में बहाई अस्थियां
अनिल कुमार ने मंगलवार को अपने पिता की अस्थियां गंगा नदी में बहाई. अनिल एक जत्थे के साथ पाकिस्तान से भारत आए हुए हैं. उनके साथ कई हिन्दू हैं, जो अब पाकिस्तान में रहते हैं. अनिल के पिता की अंतिम इच्छा थी कि मौत के बाद उन्हें गंगा नहीं में बहाया जाए. पच्चीस दिन पहले जब पिता की मौत हुई, तो अनिल ने पाकिस्तान में ही उनका अंतिम संस्कार किया. उसके बाद अस्थियों को कलश में बटोरा और चल पड़े भारत की और. यहां हरिद्वार में पूजा-पाठ के बाद उन्होंने पिता की अस्थियां बहा दी.
FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 11:03 IST