हिमांशु जोशी/पिथौरागढ़. भारत सरकार ने सीमा से लगे गांवों को विकसित करने के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की है. गौरतलब है की उत्तराखंड की कुल 658 किलोमीटर सीमा चीन और नेपाल से लगी है. उत्तराखंड के 3 जिलों पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी के 5 विकासखंड मुनस्यारी, धारचूला, कनालीछीना, जोशीमठ और भटवाड़ी के 51 गांव वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं. इन गांवों में पिथौरागढ़ का गुंजी गांव भी शामिल है.
गुंजी गांव पर शिवधाम बनाया जाना प्रस्तावित है. गुंजी गांव कभी चीन से व्यापार की मंडी हुआ करता था और कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम पड़ाव भी है. यहीं से होकर आदि कैलाश और ॐ पर्वत पहुंचा जाता है. इस क्षेत्र में अब पर्यटन काफी तेजी से बढ़ रहा है.
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की मांग शुरू
ऐसा अनुमान है की उत्तराखंड में शिवधाम बन जाने के बाद तो यहां काफी पर्यटक पहुंचेंगे. जिसको देखते हुए यहां के स्थानीय लोग अभी से सारी व्यवस्थाएं सही करने की मांग कर रहे हैं. जिसमें सबसे पहले सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की मांग की जा रही है.
पवित्र भूमि की वजह से नहीं बनाते गड्ढा
गुंजी गांव में पर्यटन साल दर साल दोगुनी रफ्तार से बढ़ते जा रहा है. हालांकि यहां के लोगों ने शौचालय तो बना रखे हैं लेकिन सीवर को खाली करना उनके लिए सरदर्दी भी बन रहा है. ना ही उनके पास इतनी जमीन है को वह दूसरी जगह शिफ्ट करते जाए, साथ ही एक वजह ये भी है की यहां के लोग इस भूमि को पवित्र मानते हैं. ऐसे में भविष्य में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए ग्रामीणों ने यहां सीवर को गंदगी को गांव से दूर निकासी करने की मांग जिलाधिकारी से की है.
ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने की मांग
जिला मुख्यालय पहुंचे गुंजी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनकी जमीनें रोड के निर्माण में में चली गई है. कई ग्रामीणों के नाम अभी तक जमीन नहीं हुई है .जबकि वह कई पुश्तों से यहां रहते हुए आए हैं. जिलाधिकारी को अपनी समस्याएं बताते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों की जमीन नाप में नहीं है उन्हें उसका मालिकाना हक दिलाया जाए ताकि वह लोग भी भविष्य में पर्यटन कारोबार से जुड़कर अपना रोजगार शुरू कर सकें.
Tags: Local18, OMG News, Pithoragarh news, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 15:28 IST