चुनाव के दौरान इन्हें रिझाने के लिए प्रत्याशियों के प्रतिनिधि जरूर आते हैं लेकिन इसके बाद पांच साल तक समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन लेकर ग्रामीणों को मुख्यालय या नेताजी के दरबार तक पहुंचना था।
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चुनाव के दौरान इन्हें रिझाने के लिए प्रत्याशियों के प्रतिनिधि जरूर आते हैं लेकिन इसके बाद पांच साल तक समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन लेकर ग्रामीणों को मुख्यालय या नेताजी के दरबार तक पहुंचना था।
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