खानपुर क्षेत्र के जोगावाला गांव के जंगल में फसलों में भरा सोलानी का पानी।
– फोटो : ROORKEE
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पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते उफान पर आई सोलानी नदी के पानी ने जोगावाला ग्राम पंचायत की अधिकांश कृषि भूमि पर तबाही मचाई थी। जो फसल बची थी, वह अब कड़ी धूप के चलते नष्ट होने की कगार पर है। ग्रामीण शासन प्रशासन से हर वर्ष सोलानी नदी से होने वाले कृषि भूमि के नुकसान से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं।
हर वर्ष बरसात के मौसम में क्षेत्र से बहने वाली गंगा, सोलानी और बाणगंगा नदियां उफान पर आ जाती हैं। इसके चलते नदियों में आया बाढ़ का पानी क्षेत्र की कृषि भूमि पर फैलकर फसलें नष्ट करता है। इसके अलावा आबादी में भी पानी घुस जाता है। हालांकि, इस बार बरसात के सीजन में अब तक कहीं पर भी आबादी में पानी नहीं घुसा है, लेकिन पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते सोलानी उफान पर आने से नदी का पानी खानपुर क्षेत्र के जोगावाला ग्राम पंचायत के उपगांव दाबकी खेड़ा और मोहनावाला डेरा की अधिकांश भूमि पर फैलकर फसलें तबाह कर चुका है। अभी भी जो कुछ फसलें बची हैं, उनमें अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में भरा हुआ पानी कड़ी धूप में गर्म होकर फसलों को रोजाना नुकसान पहुंचा रहा है।
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बरसात के दिनों में हर साल सोलानी नदी की बाढ़ का पानी जोगावाला गांव की भूमि पर फैलकर फसलें नष्ट कर देता है। इसके चलते किसानों की फसलें हर साल बाढ़ के पानी में बह जाती हैं। शासन प्रशासन को इसका हल निकालना चाहिए। -चांद मियां, ग्रामीण, जोगावाला
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किसानों ने कृषि कार्ड पर बैंकों से लोन लेकर गन्ने और धान की फसलें लगाई थीं, लेकिन सोलानी नदी के बाढ़ के पानी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। शासन प्रशासन को किसानों का ऋण माफ करना चाहिए और सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके। -शाहबाज, जोगावाला
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सोलानी के बाढ़ के पानी से तबाह हुई फसलें देखकर मेरी कई बार तबीयत खराब हो चुकी है। सुना है तहसील प्रशासन भी अभियान चलाकर वसूली करेगा। ऐसे में जिन किसानों ने ऋण लेकर खेतों में लगाया था, वे किसान अब कहां से ऋण की किश्त जमा करेंगे। प्रशासन को ऋण माफ करना चाहिए। -जसवंत सिंह, जोगावाला
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शासन प्रशासन को सोलानी नदी की जोगावाला के सामने उत्तर प्रदेश की ओर गहराई करानी चाहिए ताकि जोगावाला गांव के ग्रामीणों को सोलानी नदी के बाढ़ के पानी से छुटकारा मिल सके। -शाहनवाज, जोगावाला
पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते उफान पर आई सोलानी नदी के पानी ने जोगावाला ग्राम पंचायत की अधिकांश कृषि भूमि पर तबाही मचाई थी। जो फसल बची थी, वह अब कड़ी धूप के चलते नष्ट होने की कगार पर है। ग्रामीण शासन प्रशासन से हर वर्ष सोलानी नदी से होने वाले कृषि भूमि के नुकसान से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं।
हर वर्ष बरसात के मौसम में क्षेत्र से बहने वाली गंगा, सोलानी और बाणगंगा नदियां उफान पर आ जाती हैं। इसके चलते नदियों में आया बाढ़ का पानी क्षेत्र की कृषि भूमि पर फैलकर फसलें नष्ट करता है। इसके अलावा आबादी में भी पानी घुस जाता है। हालांकि, इस बार बरसात के सीजन में अब तक कहीं पर भी आबादी में पानी नहीं घुसा है, लेकिन पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते सोलानी उफान पर आने से नदी का पानी खानपुर क्षेत्र के जोगावाला ग्राम पंचायत के उपगांव दाबकी खेड़ा और मोहनावाला डेरा की अधिकांश भूमि पर फैलकर फसलें तबाह कर चुका है। अभी भी जो कुछ फसलें बची हैं, उनमें अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में भरा हुआ पानी कड़ी धूप में गर्म होकर फसलों को रोजाना नुकसान पहुंचा रहा है।
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बरसात के दिनों में हर साल सोलानी नदी की बाढ़ का पानी जोगावाला गांव की भूमि पर फैलकर फसलें नष्ट कर देता है। इसके चलते किसानों की फसलें हर साल बाढ़ के पानी में बह जाती हैं। शासन प्रशासन को इसका हल निकालना चाहिए। -चांद मियां, ग्रामीण, जोगावाला
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किसानों ने कृषि कार्ड पर बैंकों से लोन लेकर गन्ने और धान की फसलें लगाई थीं, लेकिन सोलानी नदी के बाढ़ के पानी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। शासन प्रशासन को किसानों का ऋण माफ करना चाहिए और सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके। -शाहबाज, जोगावाला
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सोलानी के बाढ़ के पानी से तबाह हुई फसलें देखकर मेरी कई बार तबीयत खराब हो चुकी है। सुना है तहसील प्रशासन भी अभियान चलाकर वसूली करेगा। ऐसे में जिन किसानों ने ऋण लेकर खेतों में लगाया था, वे किसान अब कहां से ऋण की किश्त जमा करेंगे। प्रशासन को ऋण माफ करना चाहिए। -जसवंत सिंह, जोगावाला
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शासन प्रशासन को सोलानी नदी की जोगावाला के सामने उत्तर प्रदेश की ओर गहराई करानी चाहिए ताकि जोगावाला गांव के ग्रामीणों को सोलानी नदी के बाढ़ के पानी से छुटकारा मिल सके। -शाहनवाज, जोगावाला