जिले के शिक्षकों को वर्चुअल बैठक में संबोधित करते मुख्य शिक्षा अधिकारी।
– फोटो : ROORKEE
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मुख्य शिक्षा अधिकारी ने वर्चुअल बैठक कर जिले के शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षण कार्यों में सुधार लाकर उसे और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि इस कोरोना महामारी में ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली से भविष्य के लिए कई अवसर सामने आए हैं। वर्तमान में ऑनलाइन शिक्षण का प्रयास भी अभी तक कामयाब रहा।
शुक्रवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने जिले के शिक्षकों से शैक्षिक उन्नयन को लेकर होने वाले क्रियाकलापों पर बैठक ली। उन्होंने कहा कि कोविड काल में शिक्षकों ने सीखने और सिखाने का जो प्रयास किया, वह काबिलेतारीफ है। आगे भी शिक्षक यूं ही वर्कशीट, व्हाट्सएप, दूरदर्शन और अन्य तकनीकियों से पठन पाठन की गतिविधियां सुचारु रखेंगे। कहा कि यदि कुछ बुनियादी बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए तो ऑनलाइन शिक्षण की सफलता में कोई संदेह नहीं है। बस इसके लिए छात्रों और अभिभावकों को मानसिक रूप से तैयार कर उन्हें ऐसे सुझाव देने की जरूरत है ताकि वे इस पद्धति का बेहतरीन उपयोग कर सकारात्मक परिणाम दे सकें। उप शिक्षाधिकारी सुबोध मलिक ने कहा कि मौजूदा महामारी से उपजी चुनौतियों ने समाज को नए अवसर भी दिए हैं। इन अवसरों से प्रेरणा लेकर समाज को बेहतर बनाने का वातावरण बनाया जा सकता है। डायट सदस्य राजीव आर्य और कविता चौधरी ने कहा कि ऑनलाइन टीचिंग प्रक्रिया पर्याप्त अवसर और विकल्प लेकर उभर रही है। बैठक में रविंद्र अग्रवाल, कविता शर्मा, संजय वत्स, राजीव कुमार शर्मा, उर्मिला पुंडीर, पूनम भूषण, हेमा भारद्वाज आदि शिक्षकों ने अपने अनुभवों व सुझावों को साझा किया।
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने वर्चुअल बैठक कर जिले के शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षण कार्यों में सुधार लाकर उसे और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि इस कोरोना महामारी में ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली से भविष्य के लिए कई अवसर सामने आए हैं। वर्तमान में ऑनलाइन शिक्षण का प्रयास भी अभी तक कामयाब रहा।
शुक्रवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने जिले के शिक्षकों से शैक्षिक उन्नयन को लेकर होने वाले क्रियाकलापों पर बैठक ली। उन्होंने कहा कि कोविड काल में शिक्षकों ने सीखने और सिखाने का जो प्रयास किया, वह काबिलेतारीफ है। आगे भी शिक्षक यूं ही वर्कशीट, व्हाट्सएप, दूरदर्शन और अन्य तकनीकियों से पठन पाठन की गतिविधियां सुचारु रखेंगे। कहा कि यदि कुछ बुनियादी बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए तो ऑनलाइन शिक्षण की सफलता में कोई संदेह नहीं है। बस इसके लिए छात्रों और अभिभावकों को मानसिक रूप से तैयार कर उन्हें ऐसे सुझाव देने की जरूरत है ताकि वे इस पद्धति का बेहतरीन उपयोग कर सकारात्मक परिणाम दे सकें। उप शिक्षाधिकारी सुबोध मलिक ने कहा कि मौजूदा महामारी से उपजी चुनौतियों ने समाज को नए अवसर भी दिए हैं। इन अवसरों से प्रेरणा लेकर समाज को बेहतर बनाने का वातावरण बनाया जा सकता है। डायट सदस्य राजीव आर्य और कविता चौधरी ने कहा कि ऑनलाइन टीचिंग प्रक्रिया पर्याप्त अवसर और विकल्प लेकर उभर रही है। बैठक में रविंद्र अग्रवाल, कविता शर्मा, संजय वत्स, राजीव कुमार शर्मा, उर्मिला पुंडीर, पूनम भूषण, हेमा भारद्वाज आदि शिक्षकों ने अपने अनुभवों व सुझावों को साझा किया।