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उत्तराखंडः पूर्वोत्तर से एनओसी लेकर चोरी के ट्रकों को लाया जाता है राज्य में, पकड़ में आए थे 40 ट्रक

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Wed, 07 Jul 2021 12:40 PM IST

सार

मार्च माह में रुड़की में परिवहन विभाग की टीम ने दूसरे राज्य से लाए गए लगभग 40 ट्रक पकड़े थे।

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ट्रक कहीं से चोरी हुआ। जालसाजी से उसकी एनओसी कहीं से जारी हुई और वह चल रहा है उत्तराखंड में। मार्च में परिवहन विभाग ने जो 40 ऐसे संदिग्ध ट्रक पकड़े थे, उसकी जांच आरटीओ प्रशासन ने पूरी कर ली है। मंगलवार को उन्होंने मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है।

मार्च माह में रुड़की में परिवहन विभाग की टीम ने दूसरे राज्य से लाए गए लगभग 40 ट्रक पकड़े थे। जब यह बात सामने आई थी कि यह बिना एनओसी के यहां संचालित हो रहे थे। जबकि यह बात सामने आई थी कि बिना एनओसी इनका पंजीकरण एआरटीओ रुड़की कार्यालय में हुआ है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चौधरी ने इसकी जांच बैठा दी थी। जांच आरटीओ प्रशासन देहरादून दिनेश चंद्र पठोई को सौंपी गई थी। मंगलवार को उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है। मुख्यालय ने इसकी पुष्टि की है। एक अधिकारी ने बताया कि आरटीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की है। 

देशभर में चल रहा ट्रक चोरों का बड़ा गैंग
आरटीओ प्रशासन की जांच रिपोर्ट देशभर में ट्रक चोरों के एक बड़े गैंग की ओर इशारा कर रही है। जानकारी के मुताबिक, यह गैंग देश के अलग-अलग हिस्सों से ट्रक चोरी करता है। इसके बाद इनका पंजीकरण मणिपुर जैसे राज्यों में मैन्युअल करा दिया जाता है। वहां से एनओसी भी जारी हो जाती है। एनओसी के आधार पर वह ट्रक यूपी पहुुंच जाता है। यूपी से एनओसी के आधार पर वह उत्तराखंड या अन्य किसी राज्य में चला जाता है। जब इसकी गहराई से जांच की गई तो पता चला है कि पूरा खेल एनओसी के नाम पर चल रहा है।

एआरटीओ रुड़की में नहीं पाई गई गड़बड़ी
आरटीओ ने जब ट्रकों के दस्तावेज ऑनलाइन जांचें तो पता चला कि परिवहन एक्ट के हिसाब से एआरटीओ रुड़की ने सभी नियमों का अनुपालन किया है। बाकायदा एनओसी व अन्य दस्तावेज के आधार पर ही उन ट्रकों का उत्तराखंड में पंजीकरण किया गया था। 

उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश
आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि चूंकि यह मामला कई राज्यों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसकी उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है। अब परिवहन मुख्यालय को इस रिपोर्ट पर आगे कोई निर्णय लेना है।

विस्तार

ट्रक कहीं से चोरी हुआ। जालसाजी से उसकी एनओसी कहीं से जारी हुई और वह चल रहा है उत्तराखंड में। मार्च में परिवहन विभाग ने जो 40 ऐसे संदिग्ध ट्रक पकड़े थे, उसकी जांच आरटीओ प्रशासन ने पूरी कर ली है। मंगलवार को उन्होंने मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है।

मार्च माह में रुड़की में परिवहन विभाग की टीम ने दूसरे राज्य से लाए गए लगभग 40 ट्रक पकड़े थे। जब यह बात सामने आई थी कि यह बिना एनओसी के यहां संचालित हो रहे थे। जबकि यह बात सामने आई थी कि बिना एनओसी इनका पंजीकरण एआरटीओ रुड़की कार्यालय में हुआ है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चौधरी ने इसकी जांच बैठा दी थी। जांच आरटीओ प्रशासन देहरादून दिनेश चंद्र पठोई को सौंपी गई थी। मंगलवार को उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है। मुख्यालय ने इसकी पुष्टि की है। एक अधिकारी ने बताया कि आरटीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की है। 

देशभर में चल रहा ट्रक चोरों का बड़ा गैंग

आरटीओ प्रशासन की जांच रिपोर्ट देशभर में ट्रक चोरों के एक बड़े गैंग की ओर इशारा कर रही है। जानकारी के मुताबिक, यह गैंग देश के अलग-अलग हिस्सों से ट्रक चोरी करता है। इसके बाद इनका पंजीकरण मणिपुर जैसे राज्यों में मैन्युअल करा दिया जाता है। वहां से एनओसी भी जारी हो जाती है। एनओसी के आधार पर वह ट्रक यूपी पहुुंच जाता है। यूपी से एनओसी के आधार पर वह उत्तराखंड या अन्य किसी राज्य में चला जाता है। जब इसकी गहराई से जांच की गई तो पता चला है कि पूरा खेल एनओसी के नाम पर चल रहा है।

एआरटीओ रुड़की में नहीं पाई गई गड़बड़ी

आरटीओ ने जब ट्रकों के दस्तावेज ऑनलाइन जांचें तो पता चला कि परिवहन एक्ट के हिसाब से एआरटीओ रुड़की ने सभी नियमों का अनुपालन किया है। बाकायदा एनओसी व अन्य दस्तावेज के आधार पर ही उन ट्रकों का उत्तराखंड में पंजीकरण किया गया था। 

उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश

आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि चूंकि यह मामला कई राज्यों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसकी उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है। अब परिवहन मुख्यालय को इस रिपोर्ट पर आगे कोई निर्णय लेना है।



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