Home Roorkee शराब कारोबारियों की कर्ज में डूबने की नौबत

शराब कारोबारियों की कर्ज में डूबने की नौबत

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शराब कारोबारियों की ओर से आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। यदि सरकार ने उनका राजस्व माफ नहीं किया तो वह कर्ज में डूब जाएंगे। उन्होंने सरकार से राजस्व माफ करने की मांग की।
बुधवार को शराब कारोबारियों ने नेहरू नगर में बैठक आयोजित की। बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पहले आबकारी नीति के तहत दुकानों को बढ़ा चढ़ाकर टेंडर के माध्यम से आवंटित करवाया गया। उस दौरान दुकानों को खोलने का समय शहर में सुबह दस बजे से रात 11 बजे तक था। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में दुकान खुलने का समय सुबह दस से रात दस बजे था। अब कोविड कर्फ्यू के चलते शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगने के कारण उनके सामने राजस्व चुकाना मुश्किल हो गया है। कहा कि सरकार समय-समय पर अलग-अलग एसओपी जारी कर रही है, जिसके कारण दुकानें लगातार बंद हैं। अगर अब शराब की दुकानें पूर्ण रूप से बंद कर दी गई तो राजस्व भी पूरी तरह माफ किया जाए। कहा कि सरकार ने अगर ऐसा नहीं किया तो कर्जे में डूब जाएंगे और आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे। बैठक में प्रवीण कुमार, योगेंद्र कुमार, नितिन कर्णवाल, मोहित जयसवाल, विजय चौधरी, सागर, मनोज तोमर, देवेंद्र राणा, योगेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

शराब कारोबारियों की ओर से आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। यदि सरकार ने उनका राजस्व माफ नहीं किया तो वह कर्ज में डूब जाएंगे। उन्होंने सरकार से राजस्व माफ करने की मांग की।

बुधवार को शराब कारोबारियों ने नेहरू नगर में बैठक आयोजित की। बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पहले आबकारी नीति के तहत दुकानों को बढ़ा चढ़ाकर टेंडर के माध्यम से आवंटित करवाया गया। उस दौरान दुकानों को खोलने का समय शहर में सुबह दस बजे से रात 11 बजे तक था। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में दुकान खुलने का समय सुबह दस से रात दस बजे था। अब कोविड कर्फ्यू के चलते शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगने के कारण उनके सामने राजस्व चुकाना मुश्किल हो गया है। कहा कि सरकार समय-समय पर अलग-अलग एसओपी जारी कर रही है, जिसके कारण दुकानें लगातार बंद हैं। अगर अब शराब की दुकानें पूर्ण रूप से बंद कर दी गई तो राजस्व भी पूरी तरह माफ किया जाए। कहा कि सरकार ने अगर ऐसा नहीं किया तो कर्जे में डूब जाएंगे और आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे। बैठक में प्रवीण कुमार, योगेंद्र कुमार, नितिन कर्णवाल, मोहित जयसवाल, विजय चौधरी, सागर, मनोज तोमर, देवेंद्र राणा, योगेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।



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