यूपी के किसानों को पुलिस ने जिले की सीमाओं पर रोका

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नारसन चेक पोस्ट पर हरिद्वार एसएसपी कार्यालय का घेराव करने जा रहे किसानों को पुलिस द्वारा रोके जा?
– फोटो : ROORKEE

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मांगों के समर्थन में हरिद्वार एसएसपी कार्यालय का कूच करने जा रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले के भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने जिले की सीमाओं पर ही रोक लिया। इससे नाराज किसानों ने नारसन बॉर्डर, मंगलौर गुड़ मंडी, मंगलौर बस स्टैंड और मंडावर चेक पोस्ट पर सांकेतिक जाम लगाकर प्रदर्शन किया। बाद में नारसन बॉर्डर पहुंचे एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोबाल और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अपूर्वा पांडे ने किसानों को समझाकर शांत किया। इस दौरान किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने किसानों की मांगों को लेकर 26 अगस्त को हरिद्वार के एसएसपी का कार्यालय घेरने का एलान किया था। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, बृहस्पतिवार को किसान राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर के नेतृत्व में नारसन बॉर्डर पहुंचे। यहां उन्हें पुलिस ने रोक लिया। इससे नाराज किसानों ने बॉर्डर पर सांकेतिक जाम लगाते हुए हाईवे पर धरना शुरू कर दिया और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को नहीं रोका। संजीव तोमर का कहना था कि वे अपनी मांगों को लेकर एसएसपी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने किसानों को नारसन बॉर्डर पर रोककर निंदनीय कार्य किया है।
तोमर ने कहा कि किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गन्ने का भुगतान नहीं होने से किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ऊर्जा निगम के अधिकारी भी किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। किसान अब सशक्त है, वह अपनी मांगों को मनवाए बिना न झुकेगा और न ही रुकेगा। मौके पर पहुंचे एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोबाल और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अपूर्व पांडे ने किसानों को समझाया। किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर धरना खत्म कर दिया। मौके पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सरवण त्यागी, पवन त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त, मुजफ्फरनगर जिलाध्यक्ष अखिलेश चौधरी, जिला उपाध्यक्ष आसिफ रजा, पुरकाजी ब्लॉक अध्यक्ष अजय त्यागी, शहजाद अली, मंडल उपाध्यक्ष डॉ. आशु, युवा संगठन मंत्री कौशल वीर, जवान सिंह, धर्मवीर सिंह मौजूद थे।

पुलिस ने रोका धरने पर बैठे
मंगलौर। सहारनपुर से झबरेड़ा होते हुए सहारनपुर जिलाध्यक्ष श्याम सिंह राणा के नेतृत्व में आ रहे किसानों को पुलिस ने मंगलौर गुड़ मंडी के पास रोक लिया। नाराज किसान गुड़ मंडी के गेट पर धरने पर बैठ गए और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। किसान एसएसपी कार्यालय जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया। इस मौके पर सहारनपुर महानगर अध्यक्ष शाहनवाज खान, अशोक त्यागी, दीपक त्यागी, अनिल राणा, चांद, शाह नजर, रामकुमार, शाहबान मलिक, फरमान, उस्मान, सुशील चौधरी आदि शामिल रहे। वहीं, प्रदेश महासचिव डॉ. फैजान खान के नेतृत्व में किसान मंगलौर बस स्टैंड पर हरिद्वार जाने के लिए एकत्रित हुए। यहां पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके बाद किसान मंगलौर बस स्टैंड पर धरने पर बैठ गए। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष मोहम्मद अनीस, अज्जू खान, शकील अहमद, आदिल खान, तौकीर खान, ताहिर अली, फहीम, इमरान व वसीम आदि मौजूद थे। संवाद

बीएसएम तिराहे पर फिर फंसे किसान
यूपी के कई जिलों से किसान संपर्क मार्गों से होते हुए किसी तरह रुड़की पहुंच गए थे। यहां से एकत्र होकर हरिद्वार के लिए रवाना हुए। इसी बीच पुलिस को सूचना मिल गई। पुलिस ने किसानों को बीएसएम तिराहे के पास रोक लिया। यहां भी पुलिस की किसानों के साथ नोकझोंक हुई। हालांकि, पुलिस की सख्ती के सामने किसान आगे नहीं बढ़ पाए तो सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया। बाद में किसान यहां से लौट गए।

डीजीपी और कृषि मंत्री से मिलेंगे किसान
भाकियू (तोमर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने कहा कि फिलहाल तो मांगों से संबंधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। उन्होंने किसानों को लौटाने के लिए ये शर्त रखी है कि दो दिन बाद किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल हरिद्वार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर समस्याओं से अवगत कराएगा। इसके बाद देहरादून पहुंचकर डीजीपी और कृषि मंत्री से मुलाकात करेगा। वे डीजीपी और मंत्री के आश्वासन पर ही मानेंगे।

किसानों की मुख्य मांगें
तीनों कृषि कानून वापस हो, क्योंकि ये कानून किसान हित में नही हैं।
गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल हो, बकाया भुगतान ब्याज समेत मिले।
कोरोना काल को देखते हुए किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए।
स्कूल की फीस, बिजली का बिल और स्कूल रजिस्ट्रेशन फीस माफ की जाए।
किसानों के क्रेडिट कार्डों का ब्याज जमा कर उनका नवीनीकरण किया जाए।
भूमि अधिग्रहण के जो मुआवजे नहीं दिए गए हैं, उन्हें तुरंत भुगतान कराया जाए।
किसानों के खेतों से घर के लिए उठाई जाने वाली मिट्टी को लेकर कार्रवाई न की जाए।
किसानों का बकाया बिल होते ही कनेक्शन काट दिए जाते हैं, इस पर रोक लगाई जाए।
घरेलू गैस सिलिंडर और डीजल-पेट्रोल के दाम कम कर किसानों को राहत दी जाए।
पुलिस चेकिंग के नाम पर खेतों में जा रहे किसानों के चालान काटने पर लगे रोक।
गश्त और ड्यूटी के दौरान नशा करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
पुलिस किसानों पर केस दर्ज करने से पहले उनकी पूरी तरह से जांच करे।
मंगलौर रोजवेज बस अड्डे के पास तिराहे पर होने वाली दुर्घटनाएं रोकी जाएं।

मांगों के समर्थन में हरिद्वार एसएसपी कार्यालय का कूच करने जा रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले के भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने जिले की सीमाओं पर ही रोक लिया। इससे नाराज किसानों ने नारसन बॉर्डर, मंगलौर गुड़ मंडी, मंगलौर बस स्टैंड और मंडावर चेक पोस्ट पर सांकेतिक जाम लगाकर प्रदर्शन किया। बाद में नारसन बॉर्डर पहुंचे एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोबाल और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अपूर्वा पांडे ने किसानों को समझाकर शांत किया। इस दौरान किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।

भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने किसानों की मांगों को लेकर 26 अगस्त को हरिद्वार के एसएसपी का कार्यालय घेरने का एलान किया था। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, बृहस्पतिवार को किसान राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर के नेतृत्व में नारसन बॉर्डर पहुंचे। यहां उन्हें पुलिस ने रोक लिया। इससे नाराज किसानों ने बॉर्डर पर सांकेतिक जाम लगाते हुए हाईवे पर धरना शुरू कर दिया और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को नहीं रोका। संजीव तोमर का कहना था कि वे अपनी मांगों को लेकर एसएसपी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने किसानों को नारसन बॉर्डर पर रोककर निंदनीय कार्य किया है।

तोमर ने कहा कि किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गन्ने का भुगतान नहीं होने से किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ऊर्जा निगम के अधिकारी भी किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। किसान अब सशक्त है, वह अपनी मांगों को मनवाए बिना न झुकेगा और न ही रुकेगा। मौके पर पहुंचे एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोबाल और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अपूर्व पांडे ने किसानों को समझाया। किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर धरना खत्म कर दिया। मौके पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सरवण त्यागी, पवन त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त, मुजफ्फरनगर जिलाध्यक्ष अखिलेश चौधरी, जिला उपाध्यक्ष आसिफ रजा, पुरकाजी ब्लॉक अध्यक्ष अजय त्यागी, शहजाद अली, मंडल उपाध्यक्ष डॉ. आशु, युवा संगठन मंत्री कौशल वीर, जवान सिंह, धर्मवीर सिंह मौजूद थे।



पुलिस ने रोका धरने पर बैठे

मंगलौर। सहारनपुर से झबरेड़ा होते हुए सहारनपुर जिलाध्यक्ष श्याम सिंह राणा के नेतृत्व में आ रहे किसानों को पुलिस ने मंगलौर गुड़ मंडी के पास रोक लिया। नाराज किसान गुड़ मंडी के गेट पर धरने पर बैठ गए और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। किसान एसएसपी कार्यालय जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया। इस मौके पर सहारनपुर महानगर अध्यक्ष शाहनवाज खान, अशोक त्यागी, दीपक त्यागी, अनिल राणा, चांद, शाह नजर, रामकुमार, शाहबान मलिक, फरमान, उस्मान, सुशील चौधरी आदि शामिल रहे। वहीं, प्रदेश महासचिव डॉ. फैजान खान के नेतृत्व में किसान मंगलौर बस स्टैंड पर हरिद्वार जाने के लिए एकत्रित हुए। यहां पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके बाद किसान मंगलौर बस स्टैंड पर धरने पर बैठ गए। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष मोहम्मद अनीस, अज्जू खान, शकील अहमद, आदिल खान, तौकीर खान, ताहिर अली, फहीम, इमरान व वसीम आदि मौजूद थे। संवाद


बीएसएम तिराहे पर फिर फंसे किसान

यूपी के कई जिलों से किसान संपर्क मार्गों से होते हुए किसी तरह रुड़की पहुंच गए थे। यहां से एकत्र होकर हरिद्वार के लिए रवाना हुए। इसी बीच पुलिस को सूचना मिल गई। पुलिस ने किसानों को बीएसएम तिराहे के पास रोक लिया। यहां भी पुलिस की किसानों के साथ नोकझोंक हुई। हालांकि, पुलिस की सख्ती के सामने किसान आगे नहीं बढ़ पाए तो सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया। बाद में किसान यहां से लौट गए।



डीजीपी और कृषि मंत्री से मिलेंगे किसान

भाकियू (तोमर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने कहा कि फिलहाल तो मांगों से संबंधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। उन्होंने किसानों को लौटाने के लिए ये शर्त रखी है कि दो दिन बाद किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल हरिद्वार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर समस्याओं से अवगत कराएगा। इसके बाद देहरादून पहुंचकर डीजीपी और कृषि मंत्री से मुलाकात करेगा। वे डीजीपी और मंत्री के आश्वासन पर ही मानेंगे।



किसानों की मुख्य मांगें

तीनों कृषि कानून वापस हो, क्योंकि ये कानून किसान हित में नही हैं।

गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल हो, बकाया भुगतान ब्याज समेत मिले।

कोरोना काल को देखते हुए किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए।

स्कूल की फीस, बिजली का बिल और स्कूल रजिस्ट्रेशन फीस माफ की जाए।

किसानों के क्रेडिट कार्डों का ब्याज जमा कर उनका नवीनीकरण किया जाए।

भूमि अधिग्रहण के जो मुआवजे नहीं दिए गए हैं, उन्हें तुरंत भुगतान कराया जाए।

किसानों के खेतों से घर के लिए उठाई जाने वाली मिट्टी को लेकर कार्रवाई न की जाए।

किसानों का बकाया बिल होते ही कनेक्शन काट दिए जाते हैं, इस पर रोक लगाई जाए।

घरेलू गैस सिलिंडर और डीजल-पेट्रोल के दाम कम कर किसानों को राहत दी जाए।

पुलिस चेकिंग के नाम पर खेतों में जा रहे किसानों के चालान काटने पर लगे रोक।

गश्त और ड्यूटी के दौरान नशा करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

पुलिस किसानों पर केस दर्ज करने से पहले उनकी पूरी तरह से जांच करे।

मंगलौर रोजवेज बस अड्डे के पास तिराहे पर होने वाली दुर्घटनाएं रोकी जाएं।



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