मेयर के खिलाफ मंत्री के पास पहुंचे पार्षद

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जिलाधिकारी की ओर से कराई गई जांच में रुड़की के मेयर गौरव गोयल को शासनादेश के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद कई पार्षद उनके खिलाफ हो गए हैं। उन्होंने मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए देहरादून में मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री से मुलाकात कर मेयर के अधिकार सीज करने की मांग उठाई। पार्षदों ने सहायक नगर आयुक्त को भी दोबारा रुड़की ट्रांसफर किए जाने की मांग की है।
झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने नौ नवंबर 2020 को शहरी विकास विभाग को रुड़की के मेयर गौरव गोयल के खिलाफ पांच बिंदुओं पर आधारित शिकायती पत्र भेजा था। डीएम सी रविशंकर के आदेश पर एडीएम बीके मिश्रा ने नगर निगम पहुंचकर मामले की जांच की थी। उन्होंने मेयर गौरव गोयल को दो बिंदुओं पर शासनादेश का उल्लंघन का दोषी पाया था। मामले में शहरी विकास विभाग के प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने मेयर को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर लिखित स्पष्टीकरण मांगा था। इस मामले के बाद कई पार्षद मेयर के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इसी मामले में सोमवार को कई पार्षद देहरादून पहुंचे। यहां वे पहले शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत से मिले। पार्षदों ने मौखिक तौर पर मेयर के दोषी पाए जाने पर उनके अधिकार सीज करने की मांग की। इस दौरान मंत्री ने पार्षदों से उनकी मांग लिखित में मांगी। इसके बाद पार्षदों ने लिखित में देकर मेयर के अधिकार सीज किए जाने की मांग की।
पार्षदों के अनुसार, मंत्री बंशीधर भगत ने कहा है कि अधिकार सीज करना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है। इस पर पार्षदों ने मेयर पर कम से कम तीन महीने के लिए प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की। मंत्री ने पार्षदों को मामले में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद पार्षद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने मेयर के खिलाफ सीएम से भी लिखित शिकायत की। पार्षदों में चंद्र प्रकाश बाटा, धीरज पाल, राखी शर्मा, विजय चौधरी, चारु चंद्र, नितिन त्यागी, मोहसिन, नीतू शर्मा, मयंक पाल, मयंक कुमार, हेमा बिष्ट, नामित पार्षद सतीश शर्मा शामिल थे।

पार्षदों के साथ विधायक की मौजूदगी से सियासी हलचल
सोमवार को पार्षदों का एक गुट मेयर के खिलाफ देहरादून पहुंचा था। शहर विधायक प्रदीप बत्रा भी उनके साथ थे। पार्षदों का सुर मेयर के खिलाफ था। उन्होंने मेयर के अधिकार सीज करवाने की मांग भी सीएम और मंत्री के सामने रखी। इस दौरान विधायक की उनके बीच मौजूदगी से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। बताया जाता है कि कहीं न कहीं विधायक का भी पार्षदों को समर्थन है। पार्षदों के अनुसार, मेयर के खिलाफ उनकी मांग के दौरान विधायक उनके साथ थे। मंत्री ने भी विधायक से मेयर की कार्यशैली को लेकर बात की। हालांकि, विधायक ने इस बारे में क्या जवाब दिया, इसका पार्षद सीधे तौर पर जवाब नहीं दे रहे हैं। विधायक का पार्षदों के साथ सीएम और मंत्री से मिलना दिनभर चर्चा का विषय बना रहा।

प्रदीप बत्रा शहर के विधायक हैं, इस लिहाज से उन्हें इस तरह की राजनीति करना शोभा नहीं देता है। मेरे डेढ़ साल के कार्यकाल में हमेशा विधायक का यह प्रयास रहा है कि नगर निगम के काम शांति से न हो पाएं। उन्होंने इन डेढ़ वर्षों में नगर निगम के कामों में अड़चन ही पैदा की है।
-गौरव गोयल, मेयर, नगर निगम रुड़की

मैं पार्षदों के साथ शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर शहरी विकास मंत्री से मिला था। मेयर इस बारे में क्या सोचते हैं, यह उनकी सोच है। वैसे शहर की जनता सब कुछ जानती है।
-प्रदीप बत्रा, शहर विधायक

जिलाधिकारी की ओर से कराई गई जांच में रुड़की के मेयर गौरव गोयल को शासनादेश के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद कई पार्षद उनके खिलाफ हो गए हैं। उन्होंने मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए देहरादून में मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री से मुलाकात कर मेयर के अधिकार सीज करने की मांग उठाई। पार्षदों ने सहायक नगर आयुक्त को भी दोबारा रुड़की ट्रांसफर किए जाने की मांग की है।

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पार्षदों के अनुसार, मंत्री बंशीधर भगत ने कहा है कि अधिकार सीज करना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है। इस पर पार्षदों ने मेयर पर कम से कम तीन महीने के लिए प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की। मंत्री ने पार्षदों को मामले में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद पार्षद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने मेयर के खिलाफ सीएम से भी लिखित शिकायत की। पार्षदों में चंद्र प्रकाश बाटा, धीरज पाल, राखी शर्मा, विजय चौधरी, चारु चंद्र, नितिन त्यागी, मोहसिन, नीतू शर्मा, मयंक पाल, मयंक कुमार, हेमा बिष्ट, नामित पार्षद सतीश शर्मा शामिल थे।



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प्रदीप बत्रा शहर के विधायक हैं, इस लिहाज से उन्हें इस तरह की राजनीति करना शोभा नहीं देता है। मेरे डेढ़ साल के कार्यकाल में हमेशा विधायक का यह प्रयास रहा है कि नगर निगम के काम शांति से न हो पाएं। उन्होंने इन डेढ़ वर्षों में नगर निगम के कामों में अड़चन ही पैदा की है।

-गौरव गोयल, मेयर, नगर निगम रुड़की



मैं पार्षदों के साथ शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर शहरी विकास मंत्री से मिला था। मेयर इस बारे में क्या सोचते हैं, यह उनकी सोच है। वैसे शहर की जनता सब कुछ जानती है।

-प्रदीप बत्रा, शहर विधायक



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