अंकित कुमार गर्ग, अमर उजाला, रुड़की
Published by: अलका त्यागी
Updated Sat, 19 Jun 2021 02:15 AM IST
सार
इसके लिए आपको ऑनलाइन फॉर्म पर 40 सवालों के जवाब देने होंगे ताकि आपकी अनिद्रा की बीमारी के स्तर को जाना जा सके।
अनिद्रा(सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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कोरोना काल ने फील्ड में जाकर किए जाने वाले कार्यों को घर बैठे करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को नई तकनीकी विकसित करने का अवसर प्रदान किया है। वर्क फ्रॉम होम के दौरान कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने अपने-अपने स्तर से इंटरनेट तकनीक का इस्तेमाल किया। इसी तरह रुड़की में एक पीएचडी छात्र ने अपने शोध के लिए जरूरी फील्ड सर्वे के लिए ऑनलाइन तरीका अपनाया।
देहरादून के श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रितेश कुमार ‘दिनचर्या में समावेसित दीर्घ ओंकार साधना एवं मर्म चिकित्सा द्वारा अनिद्रा रोग पर पड़ने वाले प्रभाव’ का अध्ययन विषय पर पीएचडी कर रहे हैं। इसके तहत होने वाले फील्ड सर्वे को पूरा करने के लिए उन्होंने गूगल के जरिये ऑनलाइन वेब एप्लीकेशन बनाई है। अनिद्रा की बीमारी से ग्रसित लोगों को यौगिक क्रिया के जरिये समाधान पाने के लिए इसके माध्यम से 40 सवालों के जवाब देने होंगे। इसके बाद प्रत्येक सवाल के आधार पर अनिद्रा के स्तर का पता लगाया जाएगा। इसके हिसाब से संबंधित व्यक्ति को यौगिक क्रियाओं के अंतर्गत योग, आसन, प्राणायाम, मंत्र चिकित्सा, मर्म चिकित्सा आदि बताई जाएगी।
इस तरह करें एप्लीकेशन का इस्तेमाल
वेब एप्लीकेशन फार्म पर जाने के लिए वेबसाइट www.recentjournals.in पर दिए गए लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद नाम, उम्र आदि का विवरण भरकर सवालों की प्रक्रिया शुरू होगी। हर सवाल के साथ उत्तर के रूप में तीन विकल्पों में से एक का चुनाव करना होगा। इसके आधार पर अंक दिए जाएंगे और फिर समाधान। इसके बाद हर व्यक्ति को उनकी बीमारी के स्तर और यौगिक क्रियाओं की जानकारी भेजी जाएगी।
स्कोर 30 तक है तो बीमारी से सुरक्षित
रितेश कुमार ने बताया कि 100 में से 30 अंक तक पाने वाले लोग सुरक्षित माने जाएंगे। जबकि, 50 अंक पर मध्यम और 70 अंक से ज्यादा वाले लोग गंभीर बीमारी की श्रेणी में आएंगे।
विस्तार
कोरोना काल ने फील्ड में जाकर किए जाने वाले कार्यों को घर बैठे करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को नई तकनीकी विकसित करने का अवसर प्रदान किया है। वर्क फ्रॉम होम के दौरान कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने अपने-अपने स्तर से इंटरनेट तकनीक का इस्तेमाल किया। इसी तरह रुड़की में एक पीएचडी छात्र ने अपने शोध के लिए जरूरी फील्ड सर्वे के लिए ऑनलाइन तरीका अपनाया।
देहरादून के श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रितेश कुमार ‘दिनचर्या में समावेसित दीर्घ ओंकार साधना एवं मर्म चिकित्सा द्वारा अनिद्रा रोग पर पड़ने वाले प्रभाव’ का अध्ययन विषय पर पीएचडी कर रहे हैं। इसके तहत होने वाले फील्ड सर्वे को पूरा करने के लिए उन्होंने गूगल के जरिये ऑनलाइन वेब एप्लीकेशन बनाई है। अनिद्रा की बीमारी से ग्रसित लोगों को यौगिक क्रिया के जरिये समाधान पाने के लिए इसके माध्यम से 40 सवालों के जवाब देने होंगे। इसके बाद प्रत्येक सवाल के आधार पर अनिद्रा के स्तर का पता लगाया जाएगा। इसके हिसाब से संबंधित व्यक्ति को यौगिक क्रियाओं के अंतर्गत योग, आसन, प्राणायाम, मंत्र चिकित्सा, मर्म चिकित्सा आदि बताई जाएगी।