अंकित कुमार गर्ग, अमर उजाला, रुड़की Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal Updated Fri, 07 May 2021 11:03 AM IST
हरिद्वार के किसानों में दिलों में चौधरी अजित सिंह यूं ही नहीं बसते थे। उन्होंने हरिद्वार के किसानों की आवाज न केवल लोकसभा में बुलंद की, बल्कि लिब्बरहेड़ी शुगर को अनुमति दिलाने से लेकर किसानों के लिए चीनी का बेसिक कोटा निर्धारित कराने समेत कई मुद्दों पर निर्णायक लड़ाई लड़ी। यह बात और है कि किसानों के दिलों में राज करने के बावजूद हरिद्वार से कोई सीट उनकी पार्टी की खाते में नहीं आ सकी। हालांकि, मंगलौर क्षेत्र में मुस्लिम बहुल इलाका होने के बावजूद उनकी पार्टी के प्रत्याशियों ने करारी टक्कर जरूर दी। हरिद्वार के किसान चौधरी अजित सिंह के दिलों में बसते थे। वे कई बार मंगलौर गुड़ मंडी और जिले के अन्य क्षेत्रों में चुनावी रैलियों और विभिन्न मौकों पर विशाल रैली का आयोजन करते थे। कोई बड़ा संगठन हरिद्वार में नहीं होने के बावजूद यह उनके व्यक्तित्व की ही ताकत थी कि उनकी रैली में भीड़ उमड़ती थी। उनके केंद्र में मंत्री रहते हुए यहां के किसानों के डेलीगेशन उनके पास जाया करते थे और वे उनकी बात को लोकसभा में उठाते थे। उनके बेहद करीबी रहे और रालोद में लक्सर विधानसभा के संयोजक रहे बाबूराम थिथकी बताते हैं कि यूपी के समय में जब अजित सिंह उद्योग मंत्री थे तो यहां के किसान उनसे मिलने गए और शुगर मिल की अनुमति मांगी।