मोनू शर्मा, संवाद न्यूज एजेंसी, रुड़की
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Sun, 02 Jan 2022 05:58 PM IST
सार
आईआईटी रुड़की के छात्र भी ‘एलएलबी चाय वाले’ की चाय के मुरीद हैं और रोजाना बड़ी संख्या में चाय पीने ठेली पर पहुंचते हैं।
सोहराब अली और वसीम
– फोटो : अमर उजाला
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खास रेसिपी से चाय तैयार करते हैं दोनों दोस्त
रुड़की के नगला इमरती गांव निवासी सोहराब अली एलएलबी द्वितीय और ढंडेरा निवासी वसीम एलएलबी तृतीय वर्ष के छात्र हैं। दोनों रुड़की के एक कॉलेज से पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों ने करीब 20 दिन पहले चंद्रशेखर चौक के पास नए पुल के किनारे ठेली लगाकर चाय का व्यवसाय शुरू किया है। चाय की ठेली का नाम भी उन्होंने ‘एलएलबी चाय वाले’ रखा है। दोनों दोस्त एक खास रेसिपी से चाय तैयार करते हैं और कप-प्लेट में देेते हैं।
ठेली पर दो तरह की चाय तैयार होती है। एक का नाम ईरानी तो दूसरी का मसालेदार चाय है। खास जायका और बनाने के खास अंदाज की वजह से इनकी चाय इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। खासकर आईआईटी रुड़की के छात्र इनकी चाय अधिक पसंद कर रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में छात्रों के साथ शहर के लोग भी चाय की चुस्की ले रहे हैं।
वह बताते हैं कि यह नाम रखने के पीछे मकसद है कि अधिक से अधिक छात्रों से जुड़ सकें और उन्हें अलग तरह की चाय पिलाएं। वह भले ही एलएलबी कर रहे हैं, लेकिन भविष्य में उनका सपना बड़ा व्यवसायी बनना है। उनके परिवार में कई लोग वकील हैं और भाई-बहन भी एलएलबी कर रहे हैं।
सुबह आठ से रात आठ बजे तक मिलती है चाय
यदि आपको एलएलबी चाय वाले की चाय पीनी है तो नए पुल पर आना होगा। सोहराब अली चाय का ठेला सुबह आठ बजे लगाते हैं। भारापुर भौरी निवासी सावेज उनका सहयोग करते हैं। वह भी एक इंटर कॉलेज से 12वीं कर रहे हैं। सुबह आठ से शाम आठ बजे तक चाय मिलती है।
ऐसी बनती है ईरानी और मसाला चाय
सोहराब अली के अनुसार, ईरानी चाय बनाने का एक खास तरीका है। इसमें चाय पत्ती, शक्कर या चीनी और कई मसाले डाले जाते हैं। करीब डेढ़ घंटे तक गैस चूल्हे पर पकाया जाता है। मसाले वाली चाय में भी खास मसाले डाले जाते हैं। यह मात्र 15 मिनट में तैयार हो जाती है। वह बताते हैं कि ईरानी चाय की कीमत 20 और मसाले वाली चाय की कीमत 15 रुपये है। रोजाना डेढ़ सौ कप से अधिक चाय बिक जाती है।
विस्तार
खास रेसिपी से चाय तैयार करते हैं दोनों दोस्त
रुड़की के नगला इमरती गांव निवासी सोहराब अली एलएलबी द्वितीय और ढंडेरा निवासी वसीम एलएलबी तृतीय वर्ष के छात्र हैं। दोनों रुड़की के एक कॉलेज से पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों ने करीब 20 दिन पहले चंद्रशेखर चौक के पास नए पुल के किनारे ठेली लगाकर चाय का व्यवसाय शुरू किया है। चाय की ठेली का नाम भी उन्होंने ‘एलएलबी चाय वाले’ रखा है। दोनों दोस्त एक खास रेसिपी से चाय तैयार करते हैं और कप-प्लेट में देेते हैं।
ठेली पर दो तरह की चाय तैयार होती है। एक का नाम ईरानी तो दूसरी का मसालेदार चाय है। खास जायका और बनाने के खास अंदाज की वजह से इनकी चाय इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। खासकर आईआईटी रुड़की के छात्र इनकी चाय अधिक पसंद कर रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में छात्रों के साथ शहर के लोग भी चाय की चुस्की ले रहे हैं।