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मतदान के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस चौकस दिखी। शहर से गांव तक पुलिस की टीमें दौड़ती रहीं। अधिकारी भी अलग-अलग क्षेत्र में भ्रमण कर हालात पर नजर बनाए रहे। इस दौरान विवाद होने की अफवाहों की सूचना पर पुलिस और फोर्स के जवानों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। साथ ही अफवाह फैलाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
सोमवार सुबह मतदान शुरू होने पर पुलिस और फोर्स के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया था। बूथों के बाहर ही फोर्स के जवान आधार कार्ड दिखाने के बाद ही प्रवेश करा रहे थे। साथ ही संदिग्ध होने पर उसकी गहनता से तलाशी लेते रहे। वहीं, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल समेत अन्य अधिकारी सुबह से ही बूथों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। इस दौरान अफवाहों की सूचना पर पुलिस सुबह से लेकर शाम तक दौड़ती रही।
सोशल मीडिया पर भी रही नजर
मतदान वाले दिन अराजक तत्व सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेशों को पोस्ट न करें। इसके लिए पुलिस और खुफिया विभाग की सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रही। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें लगाई गईं थीं। इन टीमों से अधिकारी सोशल मीडिया का फीडबैक भी लेते रहे। साथ ही आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मतदान के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस चौकस दिखी। शहर से गांव तक पुलिस की टीमें दौड़ती रहीं। अधिकारी भी अलग-अलग क्षेत्र में भ्रमण कर हालात पर नजर बनाए रहे। इस दौरान विवाद होने की अफवाहों की सूचना पर पुलिस और फोर्स के जवानों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। साथ ही अफवाह फैलाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
सोमवार सुबह मतदान शुरू होने पर पुलिस और फोर्स के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया था। बूथों के बाहर ही फोर्स के जवान आधार कार्ड दिखाने के बाद ही प्रवेश करा रहे थे। साथ ही संदिग्ध होने पर उसकी गहनता से तलाशी लेते रहे। वहीं, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल समेत अन्य अधिकारी सुबह से ही बूथों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। इस दौरान अफवाहों की सूचना पर पुलिस सुबह से लेकर शाम तक दौड़ती रही।
सोशल मीडिया पर भी रही नजर
मतदान वाले दिन अराजक तत्व सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेशों को पोस्ट न करें। इसके लिए पुलिस और खुफिया विभाग की सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रही। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें लगाई गईं थीं। इन टीमों से अधिकारी सोशल मीडिया का फीडबैक भी लेते रहे। साथ ही आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।