…ताकि किसी शहर का जोशीमठ जैसा ना हो हाल, धामी सरकार कराएगी संवेदनशील इलाकों का सर्वेक्षण

Must Read

नैनीताल की वो रहस्यमय जगह, जहां एक पहाड़ के छेद से आती है भयंकर ठंडी हवा; रुक-रुककर पर्यटक देख रहे नजारा

नैनीताल/ तनुज पाण्डे: उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल अपनी खूबसूरती के साथ ही अपने सुहावने मौसम के लिए...

UK Weather Update: उत्तराखंड में बारिश के बाद अब सताएगी गर्मी, इन जिलों में बढ़ेंगे तापमान

मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेशभर में अगले चार दिन तक मौसम साफ रहेगा....


ऐप पर पढ़ें

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी की सरकार आपदा के लिहाज से संवेदनशील शहरों और कस्बों का व्यापक सर्वेक्षण कराएगी। उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार ने कहा कि सर्वेक्षण कराने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इसके बाद यह कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें शहरों की भूभौतिकीय और भू-मानचित्रण जांच की जाएगी। अभी योजना के स्तर पर प्रक्रिया शुरू की है। अभी यह निर्णय नहीं लिया गया है कि इसमें कौन से शहर या कस्बे शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में चमोली के जोशीमठ नगर में भूधंसाव होने के कारण कई जगहों पर बहुत से भवनों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थीं। इस कारण वे रहने के लिए असुरक्षित हो गए थे। इसके बाद वहां से बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा था। जोशीमठ के हालात से चिंतित प्रदेश सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के अनेक तकनीकी संस्थानों से विभिन्न पहलुओं से जांच कराई थी। 

इसमें विशेषज्ञों से यह पता लगाने को भी कहा गया था कि क्या इस भूधंसाव और दरारों के लिए 520 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना जिम्मेदार है जिसकी एक भूमिगत सुरंग जोशीमठ के पास से गुजर रही है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय भू-भौतिक अनुसंधान संस्थान, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान और आईआईटी रूड़की जैसे संस्थानों ने नगर का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन किया था। 

हालांकि, इस बारे में संस्थानों के निष्कर्षों का अभी पता नहीं चल सका है। उत्तराखंड में इस बार मानसून में भारी बारिश ने काफी कहर बरपाया है जिसमें जगह-जगह भूस्खलन, भूधंसाव, बादल फटने जैसी  घटनाओं में 78 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 47 लोग घायल हुए हैं । इनके अलावा, 18 लोग अभी लापता हैं। इन आपदाओं में 1285 मकानों को भी नुकसान पहुंचा है।

देहरादून जिले की विकासनगर तहसील के जाखन गांव में पिछले सप्ताह हुए भूस्खलन और भूधंसाव के कारण 10 मकान पूरी तरह जमींदोज हो गये जबकि बाकी घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थीं। इसकी वजह से पूरे गांव के निवासियों को वहां से दूसरी जगह स्थानांतरित करना पड़ा था। जोशीमठ भूधंसाव सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि जोशीमठ सहित प्रदेश के सभी प्रमुख पर्वतीय शहरों की भार वहन क्षमता का अध्ययन कराया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के आपदा की दृष्टि से संवेदनशील होने के कारण इसके शहरों व कस्बों की भार वहन करने की क्षमता का पता चलना बहुत जरूरी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक पीयूष रौतेला ने कहा कि एक ही शहर या कस्बे में अलग-अलग जगह की भार वहन क्षमता अलग-अलग हो सकती है। इसका पता एक विस्तृत अध्ययन या जांच से ही लग सकता है। वैसे इससे पहले भी तमाम सर्वे होते रहे हैं। जरूरत है वैज्ञानिक सर्वेक्षणों पर अमल करने की। जोशीमठ के लोगों की शिकायत रही है कि सरकार ने सर्वेक्षण रिपोर्टों पर ध्यान दिया होता तो नागरिकों को खामियाजा नहीं भुगतना पड़ता। 



Source link

Leave a Reply

Latest News

नैनीताल की वो रहस्यमय जगह, जहां एक पहाड़ के छेद से आती है भयंकर ठंडी हवा; रुक-रुककर पर्यटक देख रहे नजारा

नैनीताल/ तनुज पाण्डे: उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल अपनी खूबसूरती के साथ ही अपने सुहावने मौसम के लिए...

UK Weather Update: उत्तराखंड में बारिश के बाद अब सताएगी गर्मी, इन जिलों में बढ़ेंगे तापमान

मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेशभर में अगले चार दिन तक मौसम साफ रहेगा. लोगों को दोबारा भीषण गर्मी...

Six killed as bus and lorry catch fire after collision in Telangana

At least six people were killed after a bus travelling from Chinnaganjam of Bapatla district to Hyderabad collided with a tipper lorry in...

चार धाम यात्रा में 6 लोगों की चली गई जान, सड़कों पर जाम बना झाम, जगह-जगह लगाए गए गेट

बलबीर/देहरादूनः चार धाम की यात्रा 10 मई से शुरू हो चुकी है और इतनी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं कि पुलिस...

More Articles Like This